Wednesday, October 30, 2024
Google search engine
Homeछत्तीसगढ़SAWAN SOMWAR : सावन का दूसरा सोमवार आज, शिव मंदिरों में लगा...

SAWAN SOMWAR : सावन का दूसरा सोमवार आज, शिव मंदिरों में लगा भक्तों का तांता

रायपुर। SAWAN SOMWAR : सावन के दूसरे सोमवार पर शिवभक्ति की सरिता उमड़ पड़ रही है. शिवभक्त जल, अक्षत, गंध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य से भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना में जुटे हुए हैं. इस पावन अवसर पर मंदिरों में खास साज-सज्जा की गयी है तो कई विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए गये हैं. वहीं छत्तीसगढ़ के शिव मंदिरों में भी सुबह से भक्तों का ताता लगा हुआ हैं, भक्तगण भोलेनाथ की प्रिय वस्तुएं भांग-धतूरे भी भगवान को अर्पण कर रहे हैं।

प्रदोष की तरह करें सोमवार का व्रत ?:

सावन महीने में पड़ने वाले सोमवार का बड़ा ही महत्व है. सावन के सोमवार को व्रत रखने और मां पार्वती के साथ भोलेनाथ की पूजा से दरिद्रता दूर होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है. सोमवार का व्रत भी प्रदोष व्रत की तरह करना चाहिए. दिन भर निराहार रहकर भगवान भोलेनाथ का षोडशोपचार विधि से पूजन-अर्चन करना चाहिए और सायंकाल में भी पूजन के साथ-साथ शिवमंत्रों का जप करना चाहिए.

भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र- धतूर-भांग चढ़ाएं:

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र, भांग और धतूर सर्वाधिक प्रिय हैं. इसलिए शिव पूजन में भगवान की इन प्रिय सामग्रियों को उन्हें जरूर अर्पण करना चाहिए. इसके अलावा अपने सामर्थ्य के अनुसार फल-मिठाई भी भगवान भोलेनाथ को अवश्य ही अर्पण करें.

रुद्राभिषेक का विशेष महत्व:

सावन के महीने में रुद्राभिषेक का विशेष महत्व बताया गया है. अन्य महीने में जहां रुद्राभिषेक के लिए शिववास देखने की आवश्यकता होती है, लेकिन सावन के महीने में शिववास देखने की आवश्यकता नहीं होती है और सावन में प्रत्येक दिन रुद्राभिषेक करना विशेष फलदायी होता है. उसमें भी सावन के सोमवार के दिन रुद्राभिषेक से अभीष्ट सिद्धि होती है.

सोमवार के व्रत से मिलता है मनोवांछित वर: सावन के सोमवार का व्रत करने से कुंवारी कन्याओं को मनोवांछित वर की प्राप्ति होती है.इस दिन मां पार्वती और भगवान भोलेनाथ की पूजा से स्त्रियों को अखंड सौभाग्य की भी प्राप्ति होती है. इसके अलावा संतान दीर्घायु होती है और भगवान भोलेनाथ कष्टों से उसकी रक्षा करते हैं.

भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है सावन:

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सावन का महीना भगवान शिव को अत्यंत ही प्रिय है. यही कारण है कि कांवर यात्रा से लेकर शिवालयों में दिन-रात शिवभक्तों का तांता लगा रहता है. माना जाता है कि सावन के महीने में ही समुद्र मंथन हुआ था. मंथन के दौरान समुद्र के से निकले हलाहल विष के प्रभाव से तीनों लोकों की रक्षा हेतु भगवान भोलेनाथ ने हलाहल विष का पान किया था. तब विष की ज्वाला को शांत करने के लिए सभी देवताओं ने शिवजी का जलाभिषेक किया था.इसलिए ही सावन महीने में रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है.सावन में ससुराज जाते हैं शिवजी: इसके अलावा एक मान्यता ये है कि सावन के महीने में भगवान शिव अपनी ससुराल जाते हैं. इसलिए भी सावन का महीना भगवान शिव को प्रिय है .शिवभक्तों के लिए शिव की विशेष कृपा पाने का ये सर्वोत्तम समय होता है.

सावन में विशेष फलदायी है शिव-आराधना:

शास्त्रों में कहा गया है कि सावन के महीने में भगवान शिव जल्दी ही प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों को मनोवांछित फल देते हैं. कहा जाता है कि इस महीने में माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ के पूजन-अर्चन से कन्याओं को मनोवांछित वर की प्राप्ति होती है. सावन के महीने में रुद्राभिषेक से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments