Kartikey Singh Chauhan Engagement : केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बडे़ बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान की सगाई तय हो गई है। एक महीने बाद 17 अक्टूबर को कार्तिकेय की सगाई अमानत बंसल के साथ होगी। खुद पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने लिखा- एक पिता के रूप में आज मेरे लिए बहुत खुशी का अवसर है। मैं, मेरी धर्मपत्नी साधना और पूरे परिवार को आप सभी से यह शुभ समाचार साझा करते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि मेरे बड़े बेटे कार्तिकेय की सगाई अनुपम बंसल और रुचिता बंसल की सुपुत्री अमानत बंसल से तय हुई है।
Kartikey Singh Chauhan Engagement : जानिए अमानत के बारे में
राजस्थान के उदयपुर के रहने वाले अमानत बंसल के पिता अनुपम बंसल फेमस शूज कंपनी लिबर्टी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं और मां रुचिता बंसल कन्फेडरेशन ऑफ विमन एंटरप्रेन्योर्स ऑफ इंडिया के हरियाणा चैप्टर की फाउंडर हैं. अमानत ने हाल ही में लंदन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से साइकोलॉजी में MSc की पढ़ाई पूरी की है.
4 महीने पहले हुई थी छोटे बेटे की सगाई
4 महीने पहले हुई थी छोटे बेटे की सगाई 4 महीने पहले ही शिवराज सिंह चौहान के छोटे बेटे कुणाल सिंह चौहान की सगाई हुई थी. कुणाल की सगाई भोपाल के डॉक्टर इंद्रमल जैन की पोती रिद्धि जैन से हुई है. रिद्धि के पिता का नाम संदीप जैन है. कुणाल और रिद्धि साथ में पढ़े हैं.
राजनीति में सक्रिय हैं कार्तिकेय
शिवराज सिंह चौहान के परिवार में पत्नी साधना सिंह और 2 बेटे हैं. बड़े बेटे का नाम कार्तिकेय है और छोटे बेटे का नाम कुणाल है. कुणाल राजनीति से दूर रहते हैं और विदिशा में मेसर्स सुंदर फूड्स एंड डेयरी का कामकाज देखते हैं. वहीं, उनके बड़े भाई और शिवराज सिंह के दूसरे बेटे कार्तिकेय पिता की तरह राजनीति में सक्रिय हैं. बताया जाता है कि शिवराज सिंह की राजनीतिक विरासत कार्तिकेय ही संभालेंगे. वह अपने पिता के लिए 2013 से चुनाव प्रचार करते आ रहे हैं.
4 बार के मुख्यमंत्री हैं शिवराज
शिवराज सिंह चौहान 4 बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. ‘मामा’ के नाम से मशहूर 65 वर्षीय नेता ने इस साल जून में मोदी सरकार में मंत्री के रूप में शपथ ली, जो उनके तीन दशक से अधिक लंबे राजनीतिक करियर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.
शिवराज सिंह 2005 से 2018 तक और फिर 2020 से 2023 तक MP के सबसे लंबे वक्त तक मुख्यमंत्री बने रहने का रिकॉर्ड बनाया था. इसके अलावा वे 5 बार संसद सदस्य रहने के साथ-साथ भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, संसदीय बोर्ड और बीजेपी के केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य भी रह चुके हैं. इस बार के विधानसभा चुनावों में पार्टी ने उनके नेतृत्व में जीत दर्ज की. हालांकि इस बार उनकी जगह मोहन यादव को पार्टी ने मुख्यमंत्री बनाया.