हरियाणा में कैथल जिले के रहने वाले जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने मध्यप्रदेश के 28वें चीफ जस्टिस के तौर पर शपथ ले ली है। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में उनको शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव वीरा राणा सहित कई नेता और अधिकारी इस मौके पर मौजूद रहे। जस्टिस कैत इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट में सीनियर जस्टिस के पद पर थे।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 17 सितंबर को उनके नाम की मध्यप्रदेश के चीफ जस्टिस पद के लिए अनुशंसा की थी। इस पद पर उनका कार्यकाल 6 महीने का होगा।
चीफ जस्टिस का पद 24 मई 2024 से खाली है। जस्टिस रवि मलिमठ के रिटायर होने के बाद पहले जस्टिस शील नागू, फिर जस्टिस संजीव सचदेवा एक्टिंग चीफ जस्टिस रहे। जुलाई 2024 में कॉलेजियम ने जस्टिस जीएस संधूवालिया को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाने की अनुशंसा की थी। बाद में इसे संशोधित कर जस्टिस कैत के नाम की अनुशंसा की गई।
यूपीएससी और रेलवे के पैनल वकील रहे हैं
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के 28वें चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत हरियाणा के कैथल जिले के रहने वाले हैं। उनका जन्म 24 मई 1963 को कैथल के काकौत गांव में हुआ था। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की। ग्रेजुएशन के दौरान वे एनएसएस में यूनिट लीडर के रूप में चुने गए थे। छात्र संघ के संयुक्त सचिव भी रहे।
1989 में उन्होंने वकील के तौर पर पंजीकृत कराया था। उन्हें वर्ष 2004 में केंद्र सरकार के स्थायी वकील के रूप में नियुक्त किया गया। वे यूपीएससी और रेलवे के पैनल वकील रह चुके हैं। 2008 में दिल्ली हाई कोर्ट में अतिरिक्त जज के तौर पर नियुक्ति के बाद 2013 में प्रमोशन पाकर परमानेंट जज बने।
जस्टिस सुरेश कुमार कैत दिल्ली के जामिया हिंसा और नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ विरोध जैसे कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई कर चुके हैं। फैसलों में उनके निष्पक्ष और संतुलित दृष्टिकोण की सराहना की जाती है।