नई दिल्ली: किसानों तक सीधे पहुंचने और उनके मुद्दों पर चर्चा करने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को घोषणा की कि वह हर मंगलवार की सुबह अपने कार्यालय में किसानों के साथ नियमित बैठकें करेंगे.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “मैं व्यक्तिगत रूप से, नियमित आधार पर, हमारे किसानों और उनके संगठनों के साथ सीधा संवाद स्थापित करूंगा ताकि उनकी ज्वलंत चिंताओं का समाधान किया जा सके.”
उन्होंने कहा कि किसानों के साथ साप्ताहिक बैठकें पूर्व सूचना के साथ आयोजित की जाएंगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के दौरान पहले 100 दिनों में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों और उपलब्धियों का विवरण देते हुए शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय राजधानी में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार के पास किसानों के कल्याण और कृषि के विकास के लिए छह सूत्री रणनीति है.
“किसान कृषि की आत्मा और जीवन हैं. प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से कहा कि वे पहले से तीन गुना अधिक काम करेंगे. मेरे सहित कृषि विभाग के सभी अधिकारियों ने संकल्प लिया है कि प्रधानमंत्री अकेले क्यों काम करें, हम सब मिलकर काम करेंगे. हमने पहले सौ दिनों में यह प्रयास किया है. हमारे पास किसानों के कल्याण और कृषि के विकास के लिए छह सूत्री रणनीति है.”
केंद्रीय कृषि मंत्री ने घोषणा की कि अगले महीने “कृषि चौपाल” नामक एक नया टेलीविजन और रेडियो कार्यक्रम शुरू किया जाएगा, जिसका उद्देश्य किसानों और नवीनतम कृषि अनुसंधान और प्रौद्योगिकी के बीच की खाई को पाटना है, यह सुनिश्चित करना है कि महत्वपूर्ण जानकारी उन लोगों तक पहुंचे जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है.
उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सुनिश्चित खरीद सुनिश्चित करके कृषि उत्पादन और किसानों की आय दोनों को बढ़ाने की सरकार की रणनीति का उल्लेख किया.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा: “कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और हमारे जीवन का आधार भी है और 140 करोड़ देशवासियों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करना सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है.”
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि हाल ही में लिए गए निर्णयों में सबसे बड़ा निर्णय यह रहा कि फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री ने 65 फसलों की 109 किस्मों के नए बीज किसानों को समर्पित किए, जो जलवायु अनुकूल, कीट प्रतिरोधी और अधिक उपज देने वाले हैं. उन्होंने कहा, “उत्पादन लागत कम करने का एक तरीका यह है कि किसानों को समय पर सस्ती खाद मिले, इसके लिए हम प्रतिबद्ध हैं. यूरिया का एक बैग 2,366 रुपए का है. हम इसे किसानों को 266 रुपए में उपलब्ध कराते हैं. डीएपी का एक बैग 2,433 रुपए का है, जिसे हम किसानों को 1,350 रुपए में उपलब्ध कराते हैं.” श्री चौहान ने बताया कि 100 दिन में एक और विशेष कार्य हुआ है और डिजिटल कृषि मिशन के शुभारंभ को मंजूरी दी गई है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली किसानों के लिए महत्वपूर्ण है और उन्होंने इसका उपयोग शुरू कर दिया है. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अक्टूबर में आधुनिक किसान चौपाल शुरू होने जा रही है, जिसमें वैज्ञानिक किसानों को सीधे जानकारी देंगे. मंत्री ने आगे बताया कि कुछ राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ के बावजूद इस साल भारत का चावल उत्पादन पिछले साल से अधिक होगा.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “बाढ़ के बावजूद हमारा कुल चावल उत्पादन पिछले साल से अधिक होगा, क्योंकि इस साल चावल की रोपाई अधिक हुई है.”