BIG NEWS : सिलवानी। मौसम में चल रहे उतार चढ़ाव के कारण खान-पान में लापरवाही अैर बारिश के बाद जल स्त्रोतों का पानी दूषित होने के कारण लोग उल्टी-दस्त के चपेट में आ रहे हैं। इसके चलते मुख्यालय से 25 किमी की दूरी पर स्थित ग्राम तिनघरा पटपरी में दर्जनों लोग उल्टी दस्त की चपेट में आ गए हैं। इनमें ज्यादातर लोगों की हालत गंभीर बताई गई है, जिन्हें सिलवानी सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले दस दिनों में पांच से अधिक मौते हो चुकी है। सब्बूलाल आदिवासी के परिवार में तीन मौतें हो चुकी है, बुधवार की रात को उल्टी से पीड़ित सब्बूलाल आदिवासी की मौत हुई है, इसके पूर्व उनके पुत्र शिवराज सिंह की पत्नी शिवकांती की पिछले बुधवार को मौत हुई फिर दो दिन बाद शिवराज के 8 माह के बेटे शिवकांत ने दम तोड़ दिया। और घर में अभी शिवराजसिंह के पिता गोपालसिंह उल्टी दस्त से पीड़ित है। इसके पूर्व श्रीबाई पति वीरवल उम्र 60 वर्ष, राकेश पिता प्रताप आदिवासी उम्र 25 साल की मौत हो चुकी है।
जानकारी के अनुसार ग्राम पटपरी में हैजा फैलने की सूचना मिलने पर गुरूवार को बीएमओ डाॅ. एचएन माण्डरे के द्वारा स्वास्थ्य विभाग टीम भेजी गई। टीम ने पीड़ित परिवारों से उनके खान-पान के संबंध में चर्चा की। इसके साथ ही लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।
गुरूवार को स्वास्थ्य टीम ने उल्टी दस्त से पीडित बडीरानी, सुगरबाई, जनकरानी, राजरानी, कृष्णा, सरस्वती, निरला, चन्द्ररानी, हल्कीरानी, शिवकुमार, देवयांष, मानवी, संध्यारानी, श्यामरानी, यशवंत, हरगोविन्द, गुडडी, शैतान, कविता, गनेशी, श्यामरानी, शिवानी, श्रेयांश, नैनसी, मलखान, संपारानी, संस्कार, दिव्यांशी, संध्यारानी, मनाबाई, ज्योति, साहिल, सिमाबाई, सुखरानी, नंदूलाल, पत्तोबाई, कांतीबाई, जयराम, ललिता, कोशल्या, हल्कीबाई, रोशनी, प्रेमबाई, लक्ष्मीबाई, शुभम, राजू,, कमलेशरानी, छोटीरानी, अभिलाषा, सोना, हरिओम, पानबाई, भजनी, रमेश, संतोष आदि का इलाज किया जा रहा है।
बताया जाता है कि ग्राम के पेयजल स्रोत बोर के पास बारिष का पानी जमा है, और उसी बोर के पानी पीने से ग्रामीण बीमार हुये है।
ग्रामीण अंचल में इन दिनों में सर्दी जुकाम वायरल फीवर तो आम बात है। लेकिन उल्टी दस्त वाला मामला इस क्षेत्र में जब पनपता है तो उसे कई लोग बीमार होते हैं। साथ ही कई मौतें होती है। इस समय तिनघरा पटपरी से लेकर उसे क्षेत्र में पथरीला इलाका है । साथ ही गांव में पीने का पानी सही न मिलने के कारण यह समस्या सामने आती है।
हीट स्ट्रोक के कारण कई बुजुर्ग लोग इस गर्मी को सहन नहीं कर पाते और यह प्राकृतिक आपदा है इस कारण से उल्टी दस्त होते हैं। कुछ को सिविल हॉस्पिटल सिलवानी में तो कुछ लोगों को रायसेन जिला अस्पताल उचित इलाज के लिए भेज दिया गया है। जिसमें सब्बुलाल आदिवासी पिता भूपत, रामबाबू पिता प्रताप, टीटू भाई आदि लोगों को रायसेन जिला अस्पताल भेजा गया है और एक महिला और एक बुजुर्ग और एक लड़की सिलवानी में इलाज करवा रहे हैं । लड़की का नाम अनुष्का आत्मज लखन आदिवासी और अभी वीर सिंह आदिवासी उम्र 40 वर्ष जो उक्त ग्राम का है और अभी अस्पताल में दाखिल हुआ।
ब्लाक मेडीकल ऑफीसर डॉ. एचएन मांडरे ने बताया कि हमारी कंबेक्ट टीम लगातार गांव पहुंचकर इलाज करने में लगी हुई है।
स्वास्थ्य विभाग की टीम में डाॅ मनोज नामदेव, डाॅ. इजहार खान, डाॅ. आरजू यादव, गोविन्दसिंह, पुष्पेन्द्र रघुवंशी, इंदर कुशवाहा, योगेश राजपूत, रीना तिर्की, बद्री साहू, रूकमणी टंडन, सहित आंगनबाडी, आशा कार्यकर्ता के साथ रायसेन से डीबीपीएम मौके पर मरीजों के इलाज में लगी हुई है।