MP News: मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में स्थानीय पत्रकार सलमान अली की गोली मारकर हत्या कर दी गई. एक पत्रकार की हत्या का मामला सामने आने के बाद प्रदेश की मोहन यादव सरकार की पुलिसिंग पर कांग्रेस ने सवाल खड़े करना शुरू कर दिए हैं. राजगढ़ जिले के सारंगपुर में अस्पताल रोड पर बाइक सवार तीन लोगों ने स्थानीय पत्रकार सलमान अली की गोली मार कर हत्या कर दी. घटना मंगलवार रात की है जब सलमान अली अस्पताल के किनारे स्कूटी पर बैठे थे. बताया जा रहा है कि वारदात के समय उनके साथ उनका 9 साल का बेटा भी मौजूद था.
हत्या की घटना के बाद स्थानीय लोगों की भीड़ एकत्रित हुई और उन्होंने पुलिस को सूचित किया. हत्या की खबर से पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और सलमान अली को अस्पताल लेकर गए लेकिन डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया. पत्रकार सलमान पर यह कोई पहला हमला नहीं था, इससे पूर्व भी उनकी हत्या की कोशिश की गई थी लेकिन वह हमला विफल हो गया था लेकिन इस बार हत्यारों ने तीन गोली कनपटी से सटाकर मारी. सलमान की मौके पर ही तुरंत मौत हो गई.
सलमान एक स्थानीय अखबार और यू ट्यूब चैनल के लिए रिपोर्टिंग किया करते थे. स्थानीय पुलिस के अनुसार प्रारंभिक पड़ताल में मामला आपसी रंजिश का निकलकर सामने आया है. थाना प्रभारी आकांक्षा हाड़ा के अनुसार पिछले साल 9 फरवरी 2023 को आपसी रंजिश के चलते 5 बदमाशों ने सलमान पर चाकू और तलवार से हमला किया था. उस समय भी उनको गंभीर हालत में इंदौर रेफर किया गया था. लेकिन तब उनकी जान बच गई थी. सलमान अली का विवाद राजगढ़ में ही रहने वाले शाहरुख खान से चल रहा है. सलमान ने इस मामले में शाहरुख पर पूर्व में प्रकरण भी दर्ज कराया था.
पत्रकार को यदि जान का खतरा था तो पुलिस सुरक्षा क्यों नहीं दी?
सबसे बड़ा सवाल यहां पर अब खड़ा होता है कि यदि स्थानीय पत्रकार सलमान अली को किसी से जान का खतरा था और उन पर पूर्व में भी जानलेवा हमला हो चुका था तो पुलिस ने उनको सुरक्षा क्यों नहीं दी. क्यों नहीं उनकी जान को बचाने के लिए पुलिस ने अपने स्तर पर कोई प्रयास नहीं किए. इन तमाम सवालों को लेकर ही कांग्रेस अब बीजेपी और मोहन यादव सरकार पर हमलावर है.
पत्रकार सलमान अली दिग्विजय सिंह के करीबी भी थे
पत्रकार सलमान अली के बारे में शुरूआती जानकारी सामने आ रही है कि वे दिग्विजय सिंह परिवार के बेहद करीबी भी थे. उनकी सोशल मीडिया प्रोफाइल पर तमाम फोटो दिग्विजय सिंह और उनके बेटे जयवर्धन सिंह के साथ देखे जा सकते हैं. कांग्रेस नेताओं से उनकी नजदीकी जग जाहिर थी. ऐसे में कांग्रेस सवाल खड़े कर रही है कि पत्रकार सलमान अली का कांग्रेसी नेताओं के साथ उठना-बैठना अधिक था, इसलिए भी राजगढ़ पुलिस ने उनकी जान की परवाह नहीं की और उनको किसी तरह की सुरक्षा देने की कोशिश नहीं की गई.
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने सीएम मोहन यादव को असफल बताया
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने एक्स पर पोस्ट करके लिखा है कि “आज दिन बीतते-बीतते एक और दर्दनाक घटना ने मध्य प्रदेश की सच्चाई को उजागर किया. अब राजगढ़ जिले के सारंगपुर में बाइक सवार तीन लोगों ने स्थानीय पत्रकार की गोली मार कर हत्या कर दी! मृतक सलमान खान (35) के साथ तब उनका 9 साल का बेटा भी था! डॉ. मोहन यादव जी बेलगाम अपराध और बेखौफ अपराधी अब पत्रकारों को भी निशाना बना रहे हैं! मध्यप्रदेश के सबसे असफल गृहमंत्री के रूप में आपकी आपराधिक चुप्पी अब जानलेवा बन चुकी है! लचरतंत्र में कसावट लाएं! या फिर कुर्सी से उतर जाएं!”