MP NEWS : ग्वालियर। इमरान खान. ग्वालियर के भितरवार में पुलिस रिकॉर्ड में आदतन चोर का दर्जा प्राप्त एक बदमाश पार्वती नदी में कमर तक भरे पानी में डूब गया और उसकी मौत हो गई इस मामले में भितरवार थाने के दो पुलिसकर्मियों को जिम्मेदार मानकर 5 घंटे रास्ते जाम कर हंगामा किया गया था। दबाव में आकर दोनों पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर लाइन भेज दिया गया था।
असल में यह कहानी शनिवार दोपहर से शुरू होती है मृतक का साथी गब्बर इस पूरी घटना का चश्मदिद है उसका कहना है कि वह और प्रदीप दो अन्य साथियों के साथ नदी किनारे बगिया में ताश खेल रहे थे इतने में पुलिस ने वहां दविश दी इस पर हम सभी भागे और दूसरी तरफ निकलने के लिए नदी में छलांग लगा दी हम तीन तो दूसरे किनारे पर निकल गए लेकिन प्रदीप नहीं निकल पाया पुलिस की दबीस से घबराकर हम नदी में कुंदे नहीं तो हमारे साथी की जान नहीं जाती पुलिस उसे डूबता देखती रही उधर भितरवार थाना पुलिस और जिन पुलिसकर्मियों पर दविश देने का आरोप है उनका साफ कहना है कि प्रदीप आदतन चोर था जुलाई में जेल से छूट कर आया था लेकिन शनिवार को पुलिस ने कोई दविश नहीं दी थी अब गब्बर क्यों यह कहानी रच रहा है गब्बर भी पुलिस रिकॉर्ड में निगरानी सुधा बदमाश है
ऐसे समझिए पूरा मामला
भितरवार की पार्वती नदी में दियादाह घाट पर रविवार को एक युवक का शव मिला था मृतक की पहचान भितरवार क्षेत्र के बड़ी रीछारी निवासी 26 वर्षीय प्रदीप पुत्र राजन सिंह रावत के रूप में हुई थी पुलिस मौके पर पहुंची और शव को नदी से बाहर निकाला गया शव की शिनाख्त होते ही वहां हंगामा खड़ा हो गया प्रदीप को उसका परिवार शनिवार श्याम से तलाश रहा था मृतक के परिजन ने भितरवार थाना के दो पुलिसकर्मी हवलदार अनिल यादव ,आरक्षक दिनेश यादव पर आरोप लगाते हुए थाने के सामने जाम लगा दिया हालात बेहद खराब हो गए थे 5 घंटे तक जाम लगा रहा था जाम लगाने वालों का कहना था कि इन दो पुलिसकर्मियों के कारण प्रदीप की मौत हुई है पुलिस उसे पकड़ने के लिए नहीं दौड़ती तो वह घबराकर नदी में नहीं कूदता
ताश खेल रहा था पुलिस को देखकर नदी में कुंदा मृतक के बचपन के दोस्त व साथी गब्बर सिंह ने खुद को पूरी घटना का चश्मदिद बताया है उसका कहना है कि वह और प्रदीप अपने साथियों के साथ पार्वती नदी के दिया दाह घाट के किनारे बगिया में ताश खेल रहे थे इसी समय भितरवार थाने के दो पुलिसकर्मी अनिल यादव व दिनेश यादव दविश देने आए थे पुलिस को देखते ही ताश खेल रहे सभी लोग नदी के किनारे की तरफ भागे और बचने के लिए कूद गए सभी लोग दूसरे किनारे पर बाहर निकल गए लेकिन प्रदीप नहीं निकल पाया वह पुलिसकर्मियों के सामने ही नदी में डूब रहा था लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसे नहीं बचाया कुछ देर बाद में लौटा तो वहां उसकी चप्पल पड़ी थी लेकिन प्रदीप कहीं दिखाई नहीं दिया इस पर मैं उसकी चप्पल उठाकर चला आया था मैं घबरा गया था इसलिए किसी से कुछ नहीं कहा मुझे लगा पुलिस उसे पकड़ कर ले गई है
भितरवार थाना का हिस्ट्रीशीटर था मृतक
मृतक प्रदीप रावत भितरवार पुलिस के रिकॉर्ड में निगरानी सुधा बदमाश था उस पर शराब तस्करी चोरी व मारपीट के 14 आपराधिक मामले भितरवार थाना सहित आसपास के चार थानों में दर्ज हैं चोरी के मामले में उसे कुछ महीने पहले पकड़ा गया था जिसमें जुलाई 2024 में ही वह जेल से जमानत पर छूटकर बाहर आया था उसका जो दोस्त गब्बर घटना की पूरी कहानी सुना रहा है उस पर भी तीन से चार आपराधिक मामले दर्ज है
आशंका नदी में डूबने के समय नशे में था प्रदीप
पुलिस अफसरो का मानना है की बगिया में सभी लोग सुखा नशा कर रहे थे और ताश खेल रहे होंगे इसके बाद यह नदी में कुंदे हैं सभी साथी निकल गए लेकिन नशा ज्यादा होने के कारण प्रदीप वही किनारे पर कमर से थोड़ा ऊपर तक पानी में डूब गया क्योंकि जैसा पुलिस को पता लगा है कि गांव के अन्य लड़कों की तरह प्रदीप भी इतना तैरना जानता था कि इतने पानी में निकल सके
भाई बोला कई बार थाने गए : पुलिस ने बताया नहीं वह डूब गया है
मृतक के भाई अभिषेक ने बताया हम बीती दोपहर से अपने भाई की तलाश कर रहे थे जब प्रदीप श्यानता घर नहीं पहुंचा तो हम लोग थाने पहुंचे और पता किया कि पुलिस ने तो कहीं प्रदीप को गिरफ्तार नहीं किया है हालांकि पुलिस मना करती रही थी रविवार सुबह भी गए थे तब भी पुलिस का यही कहना था कि हमें कुछ नहीं पता बाद में प्रदीप का शव नदी में मिला था उनका कहना है कि पुलिस देखती रही और वह डूबता रहा किसी ने उसे बचाने की कोशिश नहीं की यही पुलिस की सबसे बड़ी लापरवाही है
सस्पेंड पुलिसकर्मी बोले हमने पहले पकड़ा था इसलिए निकाली खुन्नस
इस पूरे मामले में भितरवार थाना में पदस्थ दो पुलिसकर्मियों हवलदार अनिल यादव व आरक्षक दिनेश यादव को पूरी घटना के लिए जिम्मेदार बताया गया था लोगों के दबाव में आकर पुलिस अफसरो ने उन्हें सस्पेंड कर लाइन भेज दिया था इस मामले में पुलिस जवान दिनेश यादव का कहना है कि हमने कोई दबिश नहीं दी थी हमें तो यह समझ नहीं आ रहा कि हमारा नाम क्यों लिया गया था मृतक आदतन अपराधी था उस पर कई मामले दर्ज से पहले भी उसको हमने ही पकड़ा था इसलिए इन लोगों ने हमारा नाम लेकर हमारे ऊपर खुन्नस निकाली है
हमारी पुलिस ने कोई दबिश नहीं दी है
भितरवार थाना प्रभारी अतुल सिंह सोलंकी से इस संबंध में बात की गई तो उनका कहना है कि हमारी पुलिस ने ऐसी कोई दविश नहीं दी है प्रदीप आदतन अपराधी है और जुलाई महीने में ही वह जेल से छुटकारा आया था किसी भी अपराध में अभी हमको उसकी तलाश तक नहीं थी इसलिए भितरवार थाना पुलिस ने कोई दविश नहीं दी थी दो पुलिसकर्मियों को लाइन भेजा गया है इस मामले में पूरी जांच की जा रही है.
घटना का चश्मदीद गब्बर रावत, दूसरा फोटो मृतक का भाई
निलंबित पुलिसकर्मी पहला फोटो अनिल यादव प्रधान आरक्षक दूसरी फोटो दिनेश यादव आरक्षक
फोटो – फाइल मृतक प्रदीप रावत