मध्यप्रदेश के गुना से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सभी सभी को हैरान कर दिया है। बेजुबान परिंदे के साथ इतना आत्मीय रिश्ता बिरला ही देखने को मिलता है। जिले के मधुसूदनगढ़ में ऐसा ही मामला सामने आया। सरकारी स्कूल में हेडमास्टर रहे 78 वर्षीय लक्ष्मी नारायण साहू की लंबी बीमारी के बाद गुरुवार को मौत हो गई। इससे आहत पालतू तोते (Parrot Antim Sanskar) ने भी उनकी मौत के कुछ ही घंटों बाद प्राण त्याग दिए।
रिटायर्ड हेडमास्टर को पशु-पक्षियों से विशेष लगाव था। उन्होंने गाय और 3 तोते पाल रखे थे। गोपाल नाम के ताते से विशेष लगाव था। शुक्रवार को लक्ष्मी नारायण का अंतिम संस्कार (Parrot Antim Sanskar) उनके तोते के साथ विधि-विधान से किया गया।
वेंटिलेटर पर जाने के बाद त्यागा अन्न
लक्ष्मी नारायण को आठ दिन पहले परिजन हालत बिगड़ने पर भोपाल के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। बुधवार को हालत बिगड़ने पर यहां उन्हें वेंटिलेटर में रखा गया, वहां उनके प्रिय तोते गोपाल ने अन्न त्याग दिया। गुरुवार की शाम उनकी मौत के बाद तोते ने भी दम तोड़ दिया।