देवास। भारतीय संस्कृति, रीतिरिवाज इन दिनों विदेशियों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे है। विदेशी हिन्दू रीतिरिवाजों को अपना भी रहे हैं। जी हाँ, बागली के ग्राम पालखा में मंगलवार को एक अनोखी शादी देखने को मिली, जहाँ पर फ्रांस के एक कपल ने अपनी 30 वीं एनिवर्सरी पर भारतीय संस्कृति से शादी रचाई।
पालखा निवासी हेमसिंग राजपूत, प्रेमसिंह राजपूत शिक्षक महेंद्र सिंह राजपूत, राहुल सिंह राजपूत के यहां सोमवार को भारत भ्रमण करते हुए फ्रांस से एक कपल आए थे। जहां पर आज शादी का आयोजन हुआ। यहाँ फ्रांस से आए लुईक व कारोल की शादी संपन्न कराई गई। दोनों कपल को दूल्हा – दुल्हन की तरह राजपूताना ड्रेस में तैयार किया गया। गाँव के महेंद्र सिंह राजपूत के घर से दूल्हे लुईक को घोड़ी पर बैठाकर जूलूस के रूप में राम मंदिर तक ले जाया गया।
इस दौरान इस अनोखी शादी को देखने के लिए ग्रामीणों में काफी उत्साह देखा गया। महिलाएं-बच्चें घरों के दरवाजे-खिड़की से विदेशी दूल्हा-दुल्हन को निहार रहे थे। वहीं जुलूस में ग्रामीण ढोल धमाके के साथ झूमते हुए नजर आए। और तो और खुद दुल्हन कारोल भी नाचती हुई नज़र आई। राम मंदिर के पंडित प्रभुशंकर शर्मा,मनोहर दास बैरागी द्वारा विधि विधान से दोनों का हिन्दू रीति रिवाज से विवाह संपन्न कराया गया। दोनों ने अग्नि के सात फेरे लिए।
गाइड सोहन सिंह राजपूत ने बताया कि कपल ने भारत में भारतीय संस्कृति से शादी करने की इच्छा जाहिर की थी। इसी के चलते दोबारा कपल भारत भ्रमण पर आए तो उनकी शादी की 30वीं एनिवर्सरी पर आज भारतीय संस्कृति से शादी संपन्न कराई गई।
इस दौरान आसपास के गांवों के ग्रामीण जन पहुंचे और इस शादी के साक्षी बने। ग्रामीणों ने शादी में खाना भी खाया।
मीडिया से चर्चा करते हुए फ्रांस के कपल ने कहा कि भारतीय संस्कृति बहुत ही अच्छी संस्कृति है, इससे वह प्रभावित हुए हैं। और एक छोटे से गांव में भारतीय संस्कृति से उन्होंने अपनी 30 वीं एनिवर्सरी पर शादी की। शादी के इस आयोजन में सिंधिया समर्थक हाटपिपल्या विधायक मनोज चौधरी भी शामिल हुए और कपल से मिलकर उन्हें उपहार भेंट किया। अपनी शादी के आयोजन को लेकर कपल काफी उत्साहित नज़र आए।