BIG NEWS : इंदौर. इंदौर में शुक्रवार को कांग्रेस द्वारा आयोजित किसान ट्रैक्टर न्याय यात्रा ने उग्र रूप धारण कर लिया। हजारों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और किसान इस प्रदर्शन में शामिल हुए, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता जीतू पटवारी और दिग्विजय सिंह ने प्रमुख भूमिका निभाई। यह यात्रा किसानों के अधिकारों और उनकी समस्याओं को उजागर करने के लिए आयोजित की गई थी।
पुलिस द्वारा यात्रा रोकी गई, संघर्ष में बदला प्रदर्शन
प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने कांग्रेस की किसान ट्रैक्टर न्याय यात्रा को रोकने की कोशिश की, जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जबरदस्त संघर्ष हुआ, जिसमें कई स्थानों पर दोनों पक्षों के बीच धक्का-मुक्की और झड़पें भी देखी गईं। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए बल का इस्तेमाल किया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।
कांग्रेस ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस नेता जीतू पटवारी और दिग्विजय सिंह ने राज्य सरकार पर किसान विरोधी नीतियों का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की समस्याओं की अनदेखी कर रही है और उन्हें न्याय दिलाने में विफल रही है। पटवारी ने कहा, “हम किसानों की आवाज को दबने नहीं देंगे। यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक किसानों को उनका हक नहीं मिल जाता।”
पुलिस और प्रशासन की कड़ी कार्रवाई
इंदौर प्रशासन और पुलिस ने इस विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया था। यात्रा को बीच में ही रोकने के बाद, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सख्त कदम उठाए। पुलिस ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने नियमों का उल्लंघन किया और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्रवाई जरूरी थी।
स्थिति पर राजनीति गरमाई
इस संघर्ष के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है। कांग्रेस ने पुलिस की कार्रवाई की कड़ी निंदा की है और इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया है। वहीं, राज्य सरकार ने प्रदर्शनकारियों पर कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं।
निष्कर्ष
इंदौर में कांग्रेस का यह उग्र प्रदर्शन राज्य की राजनीति में नया मोड़ ले सकता है। किसान मुद्दों पर हो रहे इस प्रदर्शन और पुलिस के साथ हुए संघर्ष ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार और विपक्ष इस मुद्दे को कैसे हल करेंगे और किसानों की समस्याओं का समाधान कब तक हो पाएगा।