BIG NEWS : राजस्थान। नागौर के रियांश्यामदास क्षेत्र के बासनी सेजा में एक 16 वर्षीय किशोर निर्मल ढोली पिछले 8 साल से अपने ही घर में कैद होकर रह गया। निर्मल बोल नहीं सकता। सुन नहीं सकता। मानसिक स्थिति कमजोर बताई। मां समूडी भी पैरों से निशक्त होने से उसे घर से बाहर नहीं निकलने देते। मां समूडी की पेंशन से घर का खर्चा चल रहा। बेटे के ईलाज के लिए उसके पास पैसे नहीं। ऐसे में निर्मल घर से बाहर नहीं निकल जाए इस लिए उसे जंजीर से बांध रहे।
निर्मल के माता-पिता ने सब कुछ दांव पर लगा दिया। निर्मल के पिता रामचंद्र ढोली के पास जमीन नहीं। केवल रहने लिए एक टूटा-फूटा मकान बताया। बच्चे के माता-पिता और ग्रामीणों ने बताया कि निर्मल के लिए उन्हें सरकारी सहायता भी नहीं मिल रही, जिससे कि वे उसका इलाज करा सकें। पिता रामचंद्र के पास पैसे नहीं होने के कारण इलाज नहीं करवा पा रहे। अब तो इनके पास कोई रोजगार का साधन भी नहीं रहा। किसी जनप्रतिनिधि ने भी इनकी सुध नहीं ली।
समूडी ने बताया कि हाल ही में मेड़ता विधानसभा क्षेत्र के युवा कांग्रेस के अध्यक्ष सुरेंद्र बापेड़िया ने आकर निर्मल के हाल जाने, तब उन्हें कागजात दिए। ताकि वे ही कोई मदद कर सकें। बापेड़िया ने बताया कि निर्मल के लिए विकलांग प्रमाण पत्र का आवेदन कर दिया। जल्द ही उसका बैंक में खाता खुलवाकर पेंशन शुरू करवाने के प्रयास किए जाएंगे। साथ ही सरकार और क्षेत्र के भामाशाहों से भी मदद जुटाई जाएगी। साथ ही सामाजिक न्याय एवं कल्याण विभाग के मंत्री अविनाश गहलोत से भी इस पीड़ित के लिए गुहार लगाएंगे।
अभी मेरी जानकारी में आया है। स्थानीय कर्मचारियों से पूरी जानकारी लेकर बच्चे की सरकारी सहायता दिलवाने का प्रयास करेंगे।