Tuesday, December 3, 2024
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आठ माह की गर्भवती महिला की इलाज के दौरान हुई मौत, स्वजनों ने ईलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए लगाया जाम, वहीं पुलिस के साथ हुई नोकझोंक

भितरवार। अक्सर ही सुर्खियों में रहने वाले भितरवार के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उस समय सनसनीखेज हंगामा खड़ा हो गया जब इलाज के लिए आई एक आठ माह के गर्भ से गर्भवती महिला की तबीयत बिगड़ने पर स्वजन उसे इलाज के लिए सामुदायिक अस्पताल ले जहां से प्राथमिक उपचार उपरांत उसे ग्वालियर रेफर कर दिया गया लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया गया। जिसे ग्वालियर से वापस स्वजन भितरवार अस्पताल लेकर पहुंचे जहां उन्होंने अस्पताल में पदस्थ महिला चिकित्सक पर इलाज में लापरवाही सहित गलत इलाज करने का आरोप लगाते हुए हंगामा खड़ा कर दिया और अस्पताल के सामने रोड पर जाम लगा दिया।

जहां पुलिस की स्वजनों से जाम को लेकर तीखी बहस बाजी हो गई लेकिन फिर बाद में शर्तों के आधार पर स्वजन मान गए और जाम खोल दिया गया। वही प्रशासनिक अधिकारियों के आश्वासन के बाद चार सदस्य चिकित्सकों के दल द्वारा मृतक महिला का पोस्टमार्टम कर शव स्वजनों को देदिया गया है।

बता दें कि विकासखंड के ग्राम रूअर का निवासी युवक शैतान सिंह रावत अपनी 20 वर्षीय 8 माह के गर्भ से गर्भवती पत्नी ज्योति रावत को पेट में कुछ तकलीफ होने के चलते इलाज के लिए सोमवार की सुबह 8:00 बजे लेकर आया था। जहां अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य परीक्षण उपरांत बताया कि महिला चिकित्सक आने वाली है उनके आने पर इलाज कर दिया जाएगा। लगभग 1 घंटे से अधिक समय तक इंतजार करने के बाद महिला चिकित्सा डॉक्टर गीतिका भारद्वाज पहुंची तो उन्होंने महिला की बिगड़ती हालत को देखते हुए उसे इंजेक्शन लगाकर तत्काल ग्वालियर रेफर कर दिया। इस दौरान परिजन उसे निजी एंबुलेंस से ग्वालियर ले जा रहे थे तभी कल्याणी गांव के समीप महिला ने दम तोड़ दिया,

हालांकि साजन उसे ग्वालियर ले गए जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया ।जहां से स्वजन मृतक गर्भवती महिला को लेकर भितरवार के अस्पताल द्वारा पहुंचे जहां उन्होंने अस्पताल में पदस्थ महिला चिकित्सा के डॉक्टर गीतिका भारद्वाज पर इलाज में लापरवाही के साथ गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाते हुए हंगामा खड़ा कर दिया और अस्पताल के सामने भितरवार डबरा रोड पर जाम लगा दिया। वहीं घटना की जानकारी लगते ही पहुंची पुलिस ने जाम खुलवाने का प्रयास किया तो स्वजनों और पुलिस के बीच तीखी नोक-झोक हो गई। लेकिन बाद में स्वजनों द्वारा प्रशासन के समक्ष रखी गई मांगों में से कुछ मांगों पर सहमति बन गई इसके बाद जाम खोल दिया गया। बाद में चार सदस्यीय चिकित्स दल द्वारा मृतक महिला का पोस्टमार्टम कर शब स्वजनों को देते हुए मामले की तपतीश शुरू की।स्वजनों ने लगाया जाम, तो पुलिस से हुई नोक झोंक 8 माह के गर्भ से गर्भवती महिला की मौत होने के बाद स्वजन आक्रोशित हो गए और उन्होंने भितरवार के सामुदायिक अस्पताल के सामने हंगामा करते हुए रोड पर जाम लगा दिया ।

जाम लगने की जानकारी लगने के बाद तहसीलदार शत्रुघ्न सिंह चौहान, थाना प्रभारी अतुल सिंह सोलंकी, सीबीएमओ डॉ अशोक खरे आदि अधिकारी और पुलिस बल स्वजनों के पास पहुंचा और जाम खुलवाने के प्रयास किया तो इस दौरान स्वजनों और पुलिस के बीच तीखी नोक झोक हो गई। बाद में अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हो गया तो स्वजनों ने प्रशासन से मांग रखी की संबंधित चिकित्सका के खिलाफ गलत इलाज करने के आरोप के तहत मामला दर्ज करने एवं अन्य मांगे रखी गई जिस पर प्रशासन द्वारा स्वजनों को आश्वासन दिया की महिला चिकित्सक द्वारा गलत इंजेक्शन दिया गया है या लापरवाही की गई है की जांच की जाएगी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जो तथ्य सामने आएगा उसके आधार पर ही एफआईआर दर्ज की जाएगी। इसके लिए मृतिका का पोस्टमार्टम चार सदस्य चिकित्सा दल द्वारा किया जाएगा ऐसा आश्वासन दिया तब कहीं जाकर स्वजन माने और जाम खोला गया।पहले बच्चे को लेकर पति-पत्नी और परिवार में था खुशी का माहौल बता दे की ज्योति और शैतान सिंह की वर्ष 2023 में लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व ही शादी हुई थी, उपरोक्त पति-पत्नी की आठ माह के गर्भ के रूप में पेट के अंदर पल रहे पहले बच्चे को लेकर जहां पति-पत्नी के बीच भरी खुशियां थी तो परिवार में भी खुशियों का माहौल बना था सभी लोग नए नन्हे मेहमान का घर में आने का इंतजार कर रहे थे। लेकिन चिकित्सको के द्वारा 8 माह के गर्भ से गर्भवती महिला की इलाज में बरती गई लापरवाही से जहां जच्चा बच्चा दोनों की मौत हो गई है तो वही घर में खुशियों की जगह मातम फैल गया है।

गर्भवती महिला के पति का आरोप 8 माह के गर्भ से गर्भवती महिला ज्योति और उसके पेट में पल रहे 8 माह के भ्रूण की मौत के मामले को लेकर महिला के पति शैतान सिंह रावत ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ महिला चिकित्सक डॉक्टर गीतिका भारद्वाज पर आरोप लगाते हुए बताया कि, वैसे ज्योति का इलाज डबरा में महिला चिकित्सक की देखरेख में चल रहा था। सोमवार को पेट में कुछ तकलीफ हुई तो उसे दिखाने के लिए मैं भितरवार अस्पताल लाया लेकिन यहां उपस्थित नर्सिंग स्टाफ द्वारा बताया कि महिला डॉक्टर के आने पर ही इलाज होगा तकरीबन एक से डेढ़ घंटे तक इंतजार करने के बाद आई डॉक्टर भारद्वाज द्वारा उसका इलाज करते हुए उसे इंजेक्शन लगाया जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई तो उन्होंने उसे तत्काल ग्वालियर रेफर कर दिया। जबकि ज्योति की हालत इंजेक्शन लगने के बाद ज्यादा बिगड़ गई, स्थिति यह लग रही थी कि इंजेक्शन लगने के बाद जच्चा बच्चा दोनों की मौत यही हो गई थी। लेकिन फिर भी ऑक्सीजन लगाकर रेफर किया गया था लेकिन रास्ते में उसने दम तोड़ दिया था। इलाज में महिला चिकित्सक की घोर लापरवाही है साथ ही जच्चा बच्चा की मौत गलत इंजेक्शन लगने से हुई है।इनका कहना है — सोमवार को एक गर्भवती महिला इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आई हुई थी जहां ड्यूटी पर मौजूद डॉ गीतिका भारद्वाज ने उसका इलाज करके उसे ग्वालियर रेफर कर दिया था। बाद मे जच्चा बच्चा की मौत हो गई जिस पर महिला के परिजनों ने महिला डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही और गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाया है। जिसकी जांच के लिए फिलहाल डॉक्टर के पैनल द्वारा पोस्टमार्टम किया गया है रिपोर्ट आते ही दोषी पाए जाने पर चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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