Saturday, December 7, 2024
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HEART ATTACK : युवाओं में क्यों बढ़ रहा हार्ट अटैक? ये 7 बड़े कारण हो सकते जिम्मेदार

HEART ATTACK : आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी ने तमाम बीमारियों को जन्म दिया है. इनमें कई बीमारियां जानलेवा तक साबित हो रही हैं. हार्ट अटैक या दिल का दौरा इनमें से एक है. हाल ही में हार्ट अटैक के मामले अधिक देखने को मिले हैं. चिंता की बात ये हैं कि वर्तमान में हार्ट अटैक की जद में युवा अधिक आ रहे हैं. कई युवा हंसते-खेलते, गाते और डांस करते-करते अटैक पड़ने से मौत की नींद सो गए.

तमिल अभिनेता डेनियल बालाजी की भी शुक्रवार रात दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. इस तरह के जानलेवा मामलों ने स्वास्थ्य विशषज्ञों को भी सकते में डाल रखा है. बेशक हार्ट अटैक की कई और वजहें हों, लेकिन युवाओं की कुछ गलत आदतें भी इसकी जिम्मेदार साबित हो रही हैं. अब सवाल है कि आखिर दिल का दौरा पड़ता कब है? युवाओं में हार्ट अटैक का जोखिम अधिक क्यों? कौन सी आदतें हो सकती जिम्मेदार? आइए जानते हैं इस बारे में-

दिल का दौरा कब पड़ता है?

मायोक्लीनिक की खबर के मुताबिक, दिल का दौरा तब पड़ता है जब हृदय में रक्त का प्रवाह बहुत कम या अवरुद्ध हो जाता है. रुकावट आमतौर पर हृदय (कोरोनरी) धमनियों में वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों के निर्माण के कारण होती है. वसायुक्त, कोलेस्ट्रॉल युक्त जमाव को प्लाक कहा जाता है. प्लाक बनने की प्रक्रिया को एथेरोस्क्लेरोसिस कहा जाता है.

तमिल अभिनेता डेनियल बालाजी की शुक्रवार रात दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. चेन्नई के एक निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली. अभिनेता को कथित तौर पर सीने में दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल ले जाया गया था. 48 वर्षीय अभिनेता की मौत की खबर ने तमिल फिल्म उद्योग और उनके प्रशंसकों में शोक व्याप्त है.

युवाओं में हार्ट अटैक के ये हैं 7 बड़े कारण

धूम्रपान: आजकल अधिकतर युवा धूम्रपान की लत के शिकार हैं. इस धूम्रपान से रक्त वाहिकाओं में प्लाक का निर्माण बढ़ जाता है. बता दें कि, सिगरेट के धुएं में मौजूद रसायन रक्त को गाढ़ा कर देते हैं और नसों-धमनियों के अंदर थक्के बना देते हैं. खून के इन थक्के से रुकावट के कारण दिल का दौरा पड़ सकता है और अचानक मृत्यु भी हो सकती है.

तनाव लेना: अत्यधिक तनाव भी हार्ट अटैक का सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर है. हम शारीरिक फिट रहने के लिए तो प्रयासरत रहते हैं, लेकिन मेंटल हेल्थ को नजरअंदाज कर देते हैं. आजकल युवाओं में फाइनेंसियल, पारिवारिक, परिवार में किसी की अचानक मौत जैसे तमाम कारण स्ट्रेस बढ़ा रहे हैं, जो हार्टअटैक का बड़ा कारण बनकर सामने आ रहे हैं.

अनिद्रा: नींद पूरी नहीं लेने के कारण भी हार्टअटैक के मामले बढ़े हैं. आजकल युवा मोबाइल चलाने, ज्यादा तनाव लेने या अन्य कारणों से नींद पूरी नहीं ले रहे हैं. एक रिसर्च के मुताबिक, यदि आप रात में 10-11 बजे के बीच सोते हैं तो हृदय रोग के खतरे कम किया जा सकता है. इस समय तक सोने से बॉडी क्लॉक में डिस्टर्बेंस नहीं होता है. इससे हार्ट हेल्दी रहता है और हार्ट अटैक का खतरा कम होता है.

खराब डाइट: अनहेल्दी खानपान भी हार्ट अटैक कारण माना गया है. दरअसल, आजकल काम के दबाव के चलते युवा हेल्दी डाइट नहीं ले रहे हैं. ऐसे में उनमें फास्टफूड का सेवन तेजी से बढ़ा है, जोकि, हार्ट अटैक का कारण बन सकता है. ऐसे में फाइबर युक्त चीजें, जैसे- साबुत अनाज, फल-सब्जियां, नट्स और सी फूड खाने की सलाह दी जाती है.

मोटापा: वजन के बढ़ते ही शरीर कई बीमारियों का घर बन जाता है. बीएमआई के बढ़ने से डायबिटीज और हाई बीपी होने का रिस्क रहता है. ये दोनों बीमारियां ही हार्ट डिजीज के रिस्क को भी बढ़ाती हैं. ऐसे में जरूरी है कि लोग अपने वेट को कंट्रोल में रखें और इसके लिए अच्छी डाइट लें. डाइट में फैट की मात्रा को कम करें.

खराब डाइट: अनहेल्दी खानपान भी हार्ट अटैक कारण माना गया है. दरअसल, आजकल काम के दबाव के चलते युवा हेल्दी डाइट नहीं ले रहे हैं. ऐसे में उनमें फास्टफूड का सेवन तेजी से बढ़ा है, जोकि, हार्ट अटैक का कारण बन सकता है. ऐसे में फाइबर युक्त चीजें, जैसे- साबुत अनाज, फल-सब्जियां, नट्स और सी फूड खाने की सलाह दी जाती है.

मोटापा: वजन के बढ़ते ही शरीर कई बीमारियों का घर बन जाता है. बीएमआई के बढ़ने से डायबिटीज और हाई बीपी होने का रिस्क रहता है. ये दोनों बीमारियां ही हार्ट डिजीज के रिस्क को भी बढ़ाती हैं. ऐसे में जरूरी है कि लोग अपने वेट को कंट्रोल में रखें और इसके लिए अच्छी डाइट लें. डाइट में फैट की मात्रा को कम करें.

जेनेटिक: हार्ट की बीमारी केवल खराब लाइफस्‍टाइल ही नहीं, बल्कि आनुवंशिक से जुड़ी हुई भी हो सकती है. यदि परिवार में किसी को हार्ट की बीमारी, अटैक, स्ट्रोक या हार्ट फैलियर का खतरा है, तो उन्हें भी हार्ट से संबंधी बीमारी का खतरा बढ़ सकता है. बता दें कि, Coronary Artery Disease एक जेनेटिक बीमारी है. जो दिल से जुड़ी बीमारी की फैमिली हिस्ट्री बनती है. ऐसे में अलर्ट रहने की जरूरत है.

एक्सरसाइज की कमी: हार्ट डिजीज से बचाव के लिए एक्सरसाइज बेहद जरूरी है. इसके लिए नियमित 15 से 25 मिनट तक व्यायाम जरूर करें. हालांकि, हैवी वर्कआउट करने से बचें. दरअसल, आजकल युवा बॉडी बनाने के चक्कर में हैवी एक्सरसाइज करते हैं, जिससे हार्ट पर जोर पड़ता है. यह दबाव हार्ट अटैक का भी कारण बन सकता है.

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