Saturday, October 12, 2024
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HUMANITY : नफरत के बाजार में भाईचारे की दुकान, मुस्लिम परिवार करवा रहा भागवत कथा, सनातन धर्म में है गहरी आस्था

HUMANITY : इमरान खान ग्वालियर/ मध्यप्रदेश के ग्वालियर में एक मुस्लिम परिवार इंसानियत का पाठ पढ़ा रहा है. परिवार द्वारा एक सप्ताह की भागवत कथा का आयोजन कराया जा रहा है. परिवार की चारों ओर चर्चाएं हो रही हैं.

आपने श्रीमद् भागवत कथा का होना तो कई जगह देखा होगा, भागवत कथा आपने सुनी भी कई जगह होगी. लेकिन ग्वालियर जिले के भितरवार के वार्ड न 15 शाशन हनुमान मंदिर पर जो भागवत कथा होने जा रही है वह अपने आप में इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है. क्योंकि इस भागवत कथा को करने वाला एक मुस्लिम परिवार है जिनकी आस्था सनातन धर्म में है. यह परिवार उन लोगों के लिए नजीर भी है जो हिंदू मुस्लिम करके समाज में अलगाव फैलाते हैं.

जानकारी के अनुसार ग्वालियर जिले के भितरवार नगर परिषद के वार्ड न 15 के पार्षद सफीना फिरोज खान के द्वारा 3 अक्टूबर से 9 अक्टूबर तक श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन करने जा रहा है भागवत कथा विश्व प्रसिद्ध कथा वाचक डॉ श्याम सुंदर पाराशर शास्त्री के मुख बिंद से की जाएगी भितरवार नगर भक्ति के रंग में डूबने जा रहा है साथ ही इस पर एक रंग और भी है गंगा जमुना तहजीब का. क्योंकि यहां पर श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है और इसको कराने वाला नगर मुस्लिम समुदाय के वर्तमान पार्षद सफ़ीना फिरोज खान परिवार है. यूं तो सफीना फिरोज खान मुस्लिम समुदाय से आते हैं लेकिन उनकी आस्था श्रद्धा भक्ति सनातन धर्म में है. फिरोज खान का झुकाव सनातन धर्म में उस समय हुआ जब उन्हें ख्वाब में भागवत कथा कराने का ख्वाव आया उसके बाद से ही परिवार: धीरे-धीरे फिरोज खान और पूरा परिवार वार्ड में ही स्थित हनुमान मंदिर में जाने लगा और हनुमान मंदिर का जीर्ण उद्धार भी इसी परिवार के द्वारा कराया गया उसके बाद जहां भी भागवत कथा होती है फिरोज खान और पूरा परिवार उस कथा को सुनने के लिए जाया करता था. उसके बाद फिरोज खान को ख्वाब में आया की भागवत कथा का आयोजन करें भागवत कथा का ख्वाब में आने के बाद मेरी फसल भी मेरी इच्छा अनुसार 60 से 70 लाख रुपए की हुई तो मैने सोचते-सोचते ही श्रीमद् भागवत कथा का श्री गणेश किया इस तरह से किसी मुस्लिम परिवार का श्रीमद् भागवत कथा करना अपने आम में एक अनोखी बात है इससे समाज में एक संदेश जाएगा कि हिंदू और मुस्लिम सब एक भगवान के बंदे हैं भागवत आचार्य इस कथा को करने में काफी आनंदित भी हैं क्योंकि खान परिवार की यह कथा धीरे-धीरे करके पूरे देश में चर्चा का विषय बनने जा रही है खान परिवार द्वारा कराई जा रही श्रीमद् भागवत कथा उन लोगों के लिए एक नजीर भी बनने जा रही है जो हिंदू मुस्लिम में फर्क समझ कर समाज और देश में एक दूसरे समुदाय के लिए नफरत भरने का काम करते हैं

भागवत कथा की सुनने के बाद समाज में कम बुलाने लगे लोग

एक सप्ताह तक चलने वाली इस भागवत कथा को भागवत आचार्य विश्व प्रसिद्ध डॉक्टर श्याम सुंदर पाराशर शास्त्री जी करने जा रहे हैं जिनसे खान परिवार की मुलाकात कुछ कथाओं में हुई थी खान परिवार मानते हैं कि उनके परिवार आज जो कुछ है उसके पीछे सनातन परंपरा और भागवत कथा की आस्था है अब सिक्के का दूसरा पहलू भी यह है कि जैसे ही यह खबर मुस्लिम समाज में फैली की फिरोज खान परिवार भागवत कथा करने जा रहे हैं उसके बाद उनकी आलोचना शुरू हो गई उनको अब मुस्लिम धर्मगुरओ ने भी समाज में बुलाना चलाना बंद कर दिया है हालांकि कई जगह पर अभी भी समझ में बुलाया जाता है इन तमाम धमकियों को दरकिनार कर फिरोज खान कथा करने के संकल्प को अंजाम दे रहे हैं

नफरत फैलाने वालों के नजीर खान परिवार

कथावाचक भागवत आचार्य मानते हैं कि इस तरह से किसी मुस्लिम परिवार का श्रीमद् भागवत कथा करना अपने आप में एक अनोखी बात है. इससे समाज में एक संदेश जाएगा कि हिंदू और मुस्लिम सब एक भगवान के बंदे हैं. भागवत आचार्य इस कथा को करने में खासे आनंदित भी है क्योंकि खान परिवार की यह कथा धीरे-धीरे करके पूरे देश में चर्चा का विषय बन रही है. फिरोज खान परिवार द्वारा कराई जा रही श्रीमद् भागवत कथा उन लोगों के लिए एक नजीर बन रही है. जो हिंदू मुस्लिम मैं फर्क समझ कर समाज और देश में एक दूसरे समुदाय के लिए नफरत भरने का काम करते हैं.

समाज में बुलाएं या ना बुलाए मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता – फिरोज खान

भागवत कथा करने वाले फिरोज खान परिवार से जब डिवाइन न्यूज की टीम ने बात की तो उन्होंने बताया कि मुझे ख्वाब में आया था की भागवत कथा कराना है वह भी विश्व प्रसिद्ध भागवत आचार्य डॉक्टर श्यामसुंदर पाराशर शास्त्री जी से ही जब से ही मेने संकल्प लिया और मैं भागवत कथा पहले भी करा चुका हूं यह मेरी दूसरी कथा है समाज में मुझे बुलाए या ना बुलाए मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता हालांकि समाज में आज भी कई जगह मुझे बुलाया जाता है कई जगह मुझे नहीं बुलाया जाता लेकिन मैं देश में भाईचारा एकता का जो पैगाम दिया है हिंदू मुस्लिम में कोई फर्क नहीं होता मेरी आस्था जितनी समझ में है उतने से ज्यादा सनातन में है हम सब सबसे पहले एक इंसान है उसके बाद धर्म है उस उद्देश्य से आज मुझे जो कुछ उपलब्ध हुआ है वह भागवत कथा की वजह से ही हुआ है इसलिए मैं दूसरी बार भागवत कथा कराने जा रहा हूं

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