Tuesday, June 17, 2025
Google search engine
Homeमध्यप्रदेशमध्यप्रदेश में शराब पर पूरी तरह बैन का प्रस्ताव! एक्सपर्ट्स ने सरकार...

मध्यप्रदेश में शराब पर पूरी तरह बैन का प्रस्ताव! एक्सपर्ट्स ने सरकार को सुझाए आय बढ़ाने के 10 नए तरीके

Liquor Ban: शराब से एमपी को सालाना 13,900 करोड़ का राजस्व मिल रहा है। लेकिन इस कमाई के बदले नशे से होने वाले नुकसान की भरपाई पर सरकार को बड़ी रकम चुकानी पड़ रही है। अर्थशास्त्रियों का कहना है सरकार कृषि-उद्यानिकी, दूध उत्पादों की प्रोसेसिंग, खनिज स्रोतों का बेहतर दोहन और पर्यटन, आइटी व महिला आधारित उद्यम जैसे 10 बड़े क्षेत्रों में काम करके शराब से होने वाली आय की तुलना 20 हजार करोड़ से अधिक का राजस्व हासिल कर सकती है। इससे समाज को नशे से दूर करने में मदद मिलेगी। रोजगार पैदा करने की राह भी खुलेगी। अर्थशास्त्रियों ने शराब से दूर रहकर प्रदेश के मौजूदा स्रोतों से आय में बढ़ोतरी के तरीके भी बताए।

ये 10 सुझाव, जिसे अपना लिया तो आय बढ़ते देर नहीं लगेगी

1.एग्रीकल्चर फूड प्रोसेसिंग

एमपी में गेहूं, दाल समेत कई अनाज के उत्पादन में नंबर-१ है। लेकिन इन अनाजों की प्रोसेसिंग नाममात्र की होती है। दूसरे राज्य यहां से अनाज लेकर बड़ा लाभ कमा रहे हैं। कई राज्यों में फूड प्रोसेसिंग हो रही है। एमपी इस दिशा में खुद काम कर सकता है।

2.खनिज स्रोत

इस दिशा में ठीक से काम नहीं हुआ। कुछ नीलामियां हुईं हैं। वर्ष 2023-24 में 10,065 करोड़ रुपए राजस्व मिला। 2024-25 में दिसंबर तक 10 हजार करोड़ से अधिक मिल चुका। खनिज संबंधी उद्योग लगे, आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल हो तो आय 10 हजार करोड़ और बढ़ सकती है।

3.मिल्क प्रोसेसिंग

दूध उत्पादन में मप्र तीसरा राज्य है। इससे सालाना 1700 करोड़ रुपए आय हो रही है। यदि उत्पादित दूध की प्रदेश में ही प्रोसेसिंग हो तो आय सालाना 5000 करोड़ हो सकती है।

4.लघु-कुटीर

उद्योग एमपी का रेशम दुनिया भर में पसंद किया जाता है। कुटीर उद्योगों में तैयार उत्पादों की काफी मांग है। इस क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देना चाहिए।

5.वूमेन सशक्तीकरण

महिला वर्क फोर्स, स्व-सहायता समूह के जरिए आर्थिक गतिविधियां बढ़ाई जा सकती हैं। उन्हें नेतृत्व के लिए तैयार किया जा सकता है। दूसरे देशों से इस पर हो रहे काम को अमल में लाना होगा।

6.वेयर हाउसिंग हब

एमपी देश का दिल है। इसके बीच में होने से अन्य प्रदेशों के लिए यहां स्टॉक हब बनाया जा सकता है। बड़े वेयर हाउस बनाने होंगे। इससे उद्योगपति यहां से चारों दिशाओं में माल भेज सकेंगे।

7.हार्टिकल्चर प्रोसेसिंग

प्रदेश में फल-सब्जी उत्पादन के रिकार्ड बन रहे हैं, पर प्रोसेसिंग करीब शून्य है। प्रोसेसिंग न होने से टमाटर, आलू, प्याज, लहसुन कई बार फेंकना पड़ता है। इस क्षेत्र में 1650 करोड़ की आय हुई। प्रोसेसिंग पर काम हो तो 2000 करोड़ की आय हो सकती है।

8. पर्यटन से 1100 करोड़

धार्मिक, वन्यप्राणी, ग्रामीण पर्यटन के क्षेत्र में अधूरे काम हुए हैं। दिसंबर इस क्षेत्र में 204 करोड़ की आय हुई। यह सुखद है कि प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में लगातार बढ़ रही है। इस क्षेत्र में सुविधाओं का विस्तार कर सालाना 1100 करोड़ तक राजस्व पाया जा सकता है।

9. केंद्रीय मदद

गुजरात में शराबबंदी है। वह केंद्र से आर्थिक मदद मांगता है। अब आबकारी से हुए नुकसान की भरपाई के लिए 12 हजार करोड़ की मदद मांगी है। मप्र भी इसे अपना सकता है।

10. आइटी में गुंजाइश

इंदौर में काफी काम हुए। भोपाल समेत दूसरे शहरों में भी काम हो सकते हैं। सेमी कंडटर जैसे उत्पादों को आगे बढ़ाना होगा।

एमपी में आय के कई बड़ें विकल्प

दूसरे माध्यमों से 14 हजार करोड़ का राजस्व मिलना बड़ी बात नहीं है। प्रदेश में कई बड़े विकल्प मौजूद हैं। उन पर काम किया जा सकता है। केंद्र से भी मदद ली जा सकती है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments