Same sex marriage in Gurugram: दिल्ली से सटे गुरुग्राम में हुई एक शादी काफी चर्चा में है. यहां एक महिला ने दूसरी महिला से शादी की है. गुरुग्राम की रहने वाली 30 साल की अंजू शर्मा की शादी हरियाणा के फतेहाबाद की रहने वाली 30 साल की कविता से हुई है. समलैंगिक जोड़े की इस शादी में सभी रस्में ठीक उसी तरह निभाई गईं जैसे आम शादी में निभाई जाती हैं. दोनों का जयमाला भी हुआ और सात फेरे लेकर मांग में सिन्दूर भी भरा.
हल्दी रस्म के साथ हुआ जश्न देर रात तब तक चलता रहा जब तक कि दोनों जीवन भर के लिए एक दूजे का ना हो गए. शादी के बाद दोनों ने हाथों में हाथ डाले और आंखे बंद किए हुए नवविवाहित जोड़ों की तरह फोटों भी खिंचवाई. इस शादी में अंजू दूल्हा की पोशाका में तो कविता टप्पू दुल्हन की पोशाक में थी. दोनों पिछले चार साल से एक दूसरे के संपर्क में थीं. हालांकि, भारत कानूनी तौर पर समलैंगिक विवाह की मान्यता नहीं देता है. लेकिन इसका इन दोनों के फैसलों पर कोई असर नहीं पड़ा.
अपने परिवार और लगभग 80 मेहमानों की उपस्थिति में अंजू और कविता 24 अप्रैल यानी सोमवार को गुरुग्राम की छोटी पंचायत धर्मशाला में पूरे धूमधाम और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ शादी के बंधन में बंध गईं.
अंतिम समय में पंडित ने शादी कराने से किया इनकार
हालांकि, यह शादी इतनी सहज भी नहीं थी. वैसे तो शादी से पहले ही पंडित को बताया गया था कि यह समलैंगिक यानी दो महिलाओं का विवाह है. शुरू में उन्होंने शादी संपन्न कराने को लेकर हामी भर दी थी. लेकिन शादी समारोह से पहले पंडित यह कहकर पीछे हट गए कि वह एक दुर्घटना में घायल हो गए हैं.
दूल्हा बनी अंजू का कहना है कि हमने सभी को पहले ही यह बता दिया था कि यह एक समलैंगिक विवाह है. इसमें मैरिज हॉल के मालिक और डीजे वालों से लेकर पंडित तक शामिल थे. हालांकि, सौभाग्य से हमारे दोस्तों में से एक ने दो पंडितों को इस शादी को संपन्न कराने के लिए मना लिया.
अंजू और कविता में इस तरह हुई थी मुलाकात
गुड़गांव की रहने वाली अंजू एक एक्टर हैं. फतेहाबाद से ताल्लुक रखने वाली कविता 2020 में अंजू के मेकअप आर्टिस्ट के तौर पर काम करने आईं. इसी दौरान दोनों एक दूसरे के काफी नजदीक आईं. बाद में दोनों ने रिलेशनशिप में आने का फैसला किया. कविता का कहना है कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक समलैंगिक रिश्ते में आऊंगी. अंजू के साथ रिलेशनशिप में आने से पहले मैं एक आदमी के साथ प्यार में थी. लेकिन कुछ ही दिनों के बाद हम साथ रहने लगे.
कविता ने आगे कहा, “मैं इतनी कभी खुश नहीं थी. हम एक दूसरे से अलग होने के लिए नहीं बने थे. एक दुर्घटना में अपने 22 वर्षीय भतीजे और उसके तुरंत बाद अपनी मां को खोने के बाद मैं बहुत बेचैन थी. अगर कविता मेरे साथ नहीं होती तो मैं डिप्रेशन में चली गई होती.”
कविता और अंजू ने बताया कि उनका मकसद अब परिवार बसाना है. हालांकि, भारत में समलैंगिक विवाह को मान्यता नहीं दी गई है. इसलिए दोनों के लिए बच्चा गोद लेना आसान नहीं होगा.